असहाय अब भारत माता, तुम्हें ना रहने दूंगा जिसने तेरा मुकुट छुआ, उसे मरघट में मारूंगा काट काट दानव मुण्डों को, तेरा हवन करूंगा * काली मैय्या खप्पर तेरा, अब खाली न रहने दूंगा असहाय अब भारत माता, तुम्हें ना रहने दूंगा जिसने तेरा लाल छुआ, उसे मरघट में मारूंगा गोद का तेरे लल्ला मैय्या, अब बाल कृष्ण बनूंगा राक्षसी पूतना उद्धार करन को, ज़हर चूस फिर रक्त चूसूंगा अंतिम दम और वीरगति तक, दूध का लाज रखूंगा * कलाई, गोद, सिंदूर बचाकर, कसाईयों को हलाल करूंगा असहाय अब भारत माता, तुम्हें ना रहने दूंगा जिसने तेरा मुकुट छुआ, उसे मरघट में मारूंगा दंगाई गर जंग चाहे तो, बारूद की वर्षा करूंगा हे मैय्या त्रिशूल में तेरे, अब जंग ना लगने दूंगा पांव महावर, हाथ में मेंहदी, खून से रच-रच दूंगा * थाल में भाल सजाकर तेरे, चरणों में भेंट करूंगा असहाय अब भारत माता, तुम्हें ना रहने दूंगा जिसने तेरा कोख छुआ, उसे मरघट में मारूंगा आंख तेरा अब और ना माता, ग़म से नम होने दूंगा परशुराम से फरसा लेकर, बूचड़ का वध करूंगा भोला-भाला लाल हूं तेरा, अब महाकाल बनूंगा ...
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