रग रग में रंग बसा है... शुभ होली 2025
।। कारी कारी केशिया गोरी, तोरी श्याम रंग होरी मुझ पर तोरी गोरी गोरी गालों की, गेहुआं, रंग होरी मुझ पर अंखियों के लाज लालिमा की, तोरी लाल लाल होरी मुझ पर मधुमास सी अधर सुधा की, गुलाबी रंग होरी मुझ पर ।। ।। कँचन कानों की कुंडल की, तोरी स्वर्ण रंग होरी मुझ पर नीले नीले गले हार की, तोरी नीली रंग होरी मुझ पर व्याकुल कर दे जो बाजूबंद, उनकी, रौनक रंग होरी मुझ पर कोमल कटि नशीली नागन सी, चढ़ी नशा रंग होरी मुझ पर ।। ।। हाथों में चटक मेंहदी तोरी, मोहक महक मेंहदी, की होरी मुझ पर तोरी पांवों की पायल की, चढ़ी रजत रंग होरी मुझ पर, उन पांवों में सजी महावर की, चटक इंद्रधनुषी रंग होरी मुझ पर तेरे तन-मन यौवन निर्झर की, है झर झर होरी मुझ पर ।। ।। हर नर नारी में हर्षा हो, राम रसायन वर्षा हो भारत माता की जय जय हो, तिरंगा सदा अजय हो मन मानवता की सेवा को, आतुर हो होरी सब पर हो राम सिया की चरणों की, चरण-धूलि होरी सब पर ।। ।। है कामना बस इतनी, देश रंग रंगीली दरस ही सब पर होली बरसाता हो।। @ रजनीश कुमार मिश्र