मोहे मोहन देखन आयो...
सखी री, मोहसे मोहन मिलन को आयो री । ऐरी सखी, मोरी प्यारी सखी सखी री, सखी, मोरी भोली सखी, मोहे मोहन निरखन आयो री हांs, मोहसे मोहन मिलन को आयो री। नील कदम ज्यों पड़े चौखट पर, प्रान प्रवाह त्यों हुआ तन-मन पर । कण-कण, कान्हा ही कान्हा, उगायो री । हां, अंग-अंग अंकुर जगायो री ! सखी री, मोहसे मोहन मिलन को आयो री ! ऐरी सखी, मोरी प्यारी सखी, सखी री, सखी मोरी भोली सखी । सखी री, मोरा प्रभुजी देखन आयो री । नीलम काया, कनक कुण्डलs कानन पर स्याह रत्न मुख, प्रभा-पुंज आनन पर । चम-चम, चूम, चक्षु-चोर चौंधियायो री । हां, सहस-बदन, रश्मि-रस, सरसायो री । सखी री, मोहे मोहन देखन आयो री ! ऐरी सखी, मोरी प्यारी सखी, सखी री, सखी मोरी भोली सखी । सखी री, मोरा श्रीहरि देखन आयो री । रस भरी नयनन संग, सूरत पर मोहक मुस्कान, सजल अधरों पर । रची-रची, राम रे, राम सजायो री हां, मोहक मुस्कान सजायो री सखी री, मोहे मोहन देखन आयो री ऐरी सखी, मोरी प्यारी सखी सखी री, सखी मोरी भोली सखी सखी री, मोरा पिया देखन आयो री बाबा औरी मैय्या केs ओरहन पर, सोलह श्रृंगार चढ़े न यौवन पर चो...